सोमवार, 30 मार्च 2009

कुछ छोटी कवितायें...

आने पर
दादी ने कहा
मेरी पोथी तो देना
मैंने कहा
अभी जा रहा हूँ सुनने
परिवार की अवधारणा पर
एक व्याख्यान
आने पर दूंगा।

क्या यह उसका आना न था ?
वह आया
बिना पूछे
मेज पर रखी
गाड़ी की चाबी लेकर चला गया
कहते हुए
आ रहा हूँ
क्या यह उसका आना न था ?

जीवन
जीवन क्या है?
जीना किसे कहते हैं?
गंभीर बहस जारी है
उनके बीच
जो जी चुके
पर जीना न जान सके।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें